Saturday 21 March 2015

How to cure foot problem

कैसे पाएं  पैरों के दर्द से छुटकारा

मास्क-और-पैक

हमें अक्‍सर पैरों में दर्द होने लगता है। पैरों में दर्द होने के कई कारण हो सकते हैं जैसे- अंदर गहरी चोट होना
, किसी प्रकार का संक्रमण हो जाना, नाखून का पकना आदि। कई बार शरीर की हड्डियां कमजोर होने से भी पैरों में दर्द होता रहता है। अगर आपको आएं दिन पैरों में दर्द होता है तो डॉक्‍टर से सलाह लेनी चाहिए। अगर शरीर में एनर्जी न हो, ऐसे में भी पैरों में दर्द होना काफी स्‍वाभाविक है। हाई हील पहनने के बावजूद भी नहीं होगा पैरों में दर्द:

पैरों के दर्द को दूर करने के उपाय-

  • ठंडे पानी से अपने पैरों को धो लें। चाहें तो 15 मिनट तक भिगोकर भी रख सकते हैं।
  • ठंडे पानी से पैरों को धोने के बाद गर्म पानी से पैरों को सेंक दें। पानी हल्‍का गुनगुना होना चाहिए।
  • अगर आपको ऐसा लगता है कि आपके पैर में किसी प्रकार का संक्रमण है तो आप गुनगुने पानी में नमक डालकर पैरों की सिकाई करें। इससे पैरों में होने वाले बैक्‍टीरिया मर जाते हैं।
  • अगर आप खरीद सकते हैं तो पिपरमेंट ऑयल या रोजमेरी ऑयल खरीदकर उससे पैरों की मालिश करें। वैसे लैवेंडर ऑयल भी मददगार होता है।
  • गर्म पानी में ऑयल की बूंद डालकर सेंक लें। पैरों को पैडीक्‍योर करें और फिर क्रीम लगाकर रिलेक्‍स करें। 6. कई बार पैरों में ब्‍लड सर्कुलेशन सही ढंग से न होने की वजह से भी पैरों में दर्द होने लगता है। इसलिए पैरों की हल्‍की मसाज दें, इससे भी दर्द चला जाता है।

फुट मसाज-
            पैरों के दर्द को दूर करने में फुट मसाज बहुत कारगर होती है। टेनिस बॉल या रोलिंग पिन से आप फुट मसाज कर सकते हैं। इससे काफी राहत मिलती है। पैरों के दर्द से राहत पाने के कुछ और तरीके निम्‍न प्रकार हैं-
  • लैवेंडर ऑयल को दो चम्‍मच लें, इसमें ऑलिव ऑयल मिक्‍स करें और पैरों पर लगाएं। सर्कुलर मोशन में मसाज करें। आराम मिलेगा। 
  • लौंग के तेल को तिल के तेल के साथ मिलाकर पैरों में लगाएं। इससे पैरों की खुजली दूर होगी।

कुछ अन्‍य बातों का रखें ख्‍याल-

            एक्‍युप्रेशर वाली चप्‍पलें पहनें। हर दिन साफ मोजे पहनें। पैरों को नियमित रूप से पैडीक्‍योर करवाएं। पैरों को धुलने के लिए एंटी-बैक्‍टीरियल प्रोडक्‍ट का इस्‍तेमाल करें।

Thursday 19 March 2015

Strong relationship

रिश्‍ते को और भी ज्‍यादा मजबूत कैसे रखें

रिश्‍ते को और भी ज्‍यादा मजबूत कैसे रखें

Couple अक्‍सर ऐसी कई सारी गलतियां करते हैं जब वे किसी Relationship में होते हैं। यह गलतियां या तो थोड़ी छोटी होती हैं या फिर इतनी बड़ी जो भुलाए नहीं भूलती। आपको समझना होगा कि इस दुनिया में कोई भी परफेक्‍ट पैदा नहीं हुआ, हर किसी के अंदर एक या उससे भी ज्‍यादा कमियां हो सकती हैं। गलतियां जान-बूझकर नहीं होती इसलिये अगर आपके Relationship में भी आपसे कोई गलती हो गई हो तो उसकी तुरंत ही माफी मांग लेनी चाहिये। अगर आपके Partner ने कोई गलती की है तो उसे दिल से लगाने के बजाए, उसे तुरंत ही माफ कर दें। इस बात को सोंचिये कि जब आपने उस इंसान से प्‍यार किया था, तब भी उसके अंदर यही सारी कमियां मौजूद थीं, तो फिर अब ऐसा क्‍या हो गया कि अब वह बातें आपको चुभने लगीं। अपने Partner को खुद की खुशी के लिये बदलना सही नहीं है। अगर आपको अपने शादीशुदा या फिर प्‍यार के रिश्‍ते को और भी ज्‍यादा मजबूत बनाना है तो, हमारे बताए गए इन टिप्‍स को जरुर पढे़-

  • कुछ लोग ऐसे होते हैं जो जरुर के अनुसार अपने Partner को बदलने की कोशिश करते हैं। पर ऐसा करने से ईगो की समस्‍या आ जाती है और रिश्‍ते में से प्‍यार खतम होने लगता है।
  • हम सभी अपने काम में बहुत बिजी रहते हैं, लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि आप एक दूसरे से बात करना बंद कर देगें।
  • कई लोग Sex इसलिये नहीं करते हैं, क्‍योंकि एक या तो वो थके होते हैं या फिर वे बिजी रहते हैं।आपको रिश्‍ते में से Sex को गायब नहीं करना चाहिये।
  • कुछ समय के बाद आपकी लड़ाई केवल छोटी छोटी बातों पर होने लग जाती है। नेचर में बदलाव की वजह से रिश्‍तों में खटास आने लगती है।
  • बातें ना करना भी एक गलती ही है कि आप दोनों में ज्‍यादा बातें नहीं होतीं। अगर आप अपने Partner से बात नहीं करेंगे तो आपका रिश्‍ता बिल्‍कुल भी मजबूत नहीं होगा।
  • एक अच्‍छा रिश्‍ता निभाना है तो आपको अपने Partner से कोई बात नहीं छुपानी चाहिये। उनके साथ आपको वफादार होना होगा।

How to control diabetes naturally

 कैसेरखें शुगर पर कंट्रोल

How to control diabetes naturally

           कभी आपने सोचा है कि क्‍यों आप वजन कम करने या एक स्‍वस्‍थ डाइट को लागू करने के कार्यक्रम को अपनाने में असमर्थ रहते हैं। और ऐसा करना आपको बिना बताये शुगर की लत की ओर घसीट रहा है। लेकिन आपकी इस समस्‍या के समाधान के लिए इस स्‍लाइड शो में कुछ ऐसे टिप्‍स दिये गये हैं जो मिठाई के प्रति आपकी लालसा में कटौती कर आपको स्‍वस्‍थ खाद्य पदार्थों की तरफ ले जायेगें। इस तरह से खाना न केवल शुगर पर अंकुश लगाने में मदद करेगा बल्कि इससे आप बेहतर, हल्‍का और अधिक सक्रिय भी महसूस करेंगे। इसके अलावा यह वजन घटाने के लक्ष्‍य को पाने में भी आपकी मदद करेगा।
मीठे पेय पदार्थ से क्‍यों तौबा करें (समय: 1 से 2 सप्ताह)- हमें सबसे ज्‍यादा मात्रा में शुगर पेय पदार्थों से मिलता है, इसलिए सॉफ्ट ड्रिक्‍स, मीठा पानी, कॉफी ड्रिक्‍स, एनर्जी ड्रिक्‍स, फ्रूट ड्रिंक्‍स यह सब हमारे लिए एक अपराधी की तरह है। वास्‍तव में एप्‍पल जूस, एप्‍पल फ्लेवर, 100 प्रतिशत स्‍वीटनर और केंद्रित फ्रुक्टोज के संयोजन से बनता है। इसलिए इसे 100 प्रतिशत एप्‍पल का जूस कहते है। इसके अलावा पेय पदार्थों के आकार के कारण बहुत अधिक मात्रा में कैलोरी और शुगर चुपके से आपके आहार में शामिल हो जाती है। एक पेय पदार्थ में लगभग 150 कैलोरी होती है। इसके अलावा मूवी हॉल और फास्‍ट फूड में मिलने वाले पेय पदार्थों में तो 300 से 500 के आसपास कैलोरी होती है।
मीठे पेय पदार्थ से दूर रहने के उपाय- मीठे पेय पदार्थों की लत होने पर इनसे दूर रहना कठिन हो सकता है। और साथ ही इसे छोड़ना आपके लिए एक चुनौती से कम नहीं होगा। इसलिए भी क्‍योंकि यह आपके नए तरीके के आहार का हिस्‍सा नहीं है। इसलिए इसे एक साथ छोड़ने की बजाय धीरे-धीरे इसकी मात्रा को कम कीजिए। ऐसे पेय पदार्थों की सूची बनायें जिसमें शुगर की अधिक मात्रा होती है और और उनसे बचने की कोशिश करें।
जंक फूड से क्‍यों बचें (2-3 सप्‍ताह)- क्‍या आपको फास्‍ट फूड इतना पसंद है कि किसी भी रेस्‍तरां में जाने पर आप इसी को खोजते हैं। तो यह आदत सही नहीं है। क्‍योंकि ऐसे आहार में शुगर और नमक की अधिक मात्रा होने के साथ ही कार्बोहाइड्रेट भी तेल के रूप में मौजूद होता है जो  शरीर में शुगर के स्‍तर को बढ़ा देता है। और हमारे के लिए बहुत नुकसानदेह होता हैं। केक, कुकीज, कैंडी, आइसक्रीम, चिप्‍स, पॉपकॉर्न आदि भी इसी श्रेणी में आते हैं।
जंक फूड से बचने के उपाय- शुगरयुक्‍त पेय पदार्थ की तरह जंक फूड से बचना भी आपके लिये थोड़ा मुश्किल हो सकता है। क्‍योंकि अक्‍सर बाहर खाने की वजह से आप इससे बच नहीं पाते। लेकिन धीरे-धीरे आप इसे भी अपने डायट चार्ट से निकाल सकते हैं। इसके लिए अपने जंक फूड सूची बनाकर देखें कि कौन से फूड में शुगर और अन्‍य कार्बोहाइड्रेट की मात्रा सबसे अधिक है। और प्राथमिकता के आधार पर सबसे पहले उसी से दूर रहें। इसकी जगह ताजे फल खाने की आदत डालें, इससे आपको पोषण भी मिलेगा और शुगर से भी बचाव होगा।
कार्बोहाइड्रेट को क्‍यों कम करें (3-4 सप्‍ताह)- इस स्‍तर पर पहुंचने पर अपने आपको बधाई दें। हालांकि आपने इस स्‍तर पर जंक फूड और मीठे पेय पदार्थ से कुछ हद तक कार्बोहाइड्रेट की मात्रा कम कर दी है, लेकिन अब भी इसमें कटौती करना जरूरी है। क्‍योंकि ब्रेड, पास्ता और चावल जैसे जटिल कार्बोहाइड्रेट, से निपटने की जरूरत है। दोनों सरल और जटिल कार्बोहाइड्रेट ब्‍लड शुगर को प्रभावित करते हैं। जिससे आपका वजन कम नहीं होता है। इसके अलावा इसके अधिक सेवन से आपको खाने को लेकर लालसा फिर से बढ़ सकती है।
कार्बोहाइड्रेट कम करने के उपाय- हालांकि आपको ब्रेकफास्‍ट में ब्रेड, पास्‍ता आदि खाने की आदत होती है, लेकिन इसमें कार्बोहाइड्रेट अधिक मात्रा होने के कारण यह शरीर में शुगर की मात्रा को बढ़ाता है। इसलिए नाश्‍ते में इनका विकल्‍प तालाशिये, ब्रेड, पास्‍ता, आदि की जगह सलाद, ताजे फल, अंडे खा सकते हैं, इसमें कार्बोहाइड्रेट की मात्रा कम होती है। लंच और डिनर में भी इसका ध्‍यान रखें। इसके अलावा इसको छोड़ने का सबसे अच्‍छा तरीका है कि ऐसे कार्बोहाइड्रेट की सूची बनाए जिन्‍हें आप जरूरत से ज्‍यादा खाते हो और फिर उन्हें एक एक करके अपने आहार से दूर करें।
छिपे हुए शुगर से कैसे बचें (1 से 2 सप्‍ताह)- खाने को अधिक स्‍वादिष्‍ट बनाने के चक्‍कर में आप सॉस, ड्रेसिंग, केचअप और मसालों आदि को अपने आहार में मिलाते हैं। लेकिन यह सब आपके वजन घटाने के लक्ष्य के खिलाफ काम करता हैं। क्‍योंकि कुछ मसालों की एक छोटी सी राशि भी अपने आहार में मिलाकर आप शुगर की मात्रा को ग्रहण करते हैं। डिब्‍बाबंद आहार जिसमें लो फैट लिखा होता है, वह भी शुगरयुक्‍त होते है। इसके अलावा बाजार में मिलने वाले 'शुगर फ्री' उत्‍पादों का उपयोग भी सावधानी से करना चाहिए। क्‍योंकि वास्‍तव में यह उत्‍पाद चीनी मुक्त हो सकते हैं लेकिन यह तेजी से मेटाबोलीज़िंग कार्बोंहाइड्रेट को शामिल करते हैं।
छिपे हुए शुगर से बचने के उपाय- इस चरण में पिछले चरण की तुलना में छिपे हुए शुगर से बचना अधिक आसान होगा क्‍योकि आप एक चरण से दूसरे चरण की प्रगति की ओर है। और आप स्‍वस्‍थ खाने की आदतों को अपना चुके हैं। यहां पर आपका लक्ष्‍य खाद्य पदार्थों पर पोषण लेबल की पहचान कर छिपे हुए शुगर जानना और उसकी जगह दूसरे खाद्य पदार्थों को अपनाना है। 
भोजन के नए रास्ते बनाए रखें (बाकी के जीवन)- यह खाने का तरीका है न कि अस्‍‍थायी आहार योजना। इसका मतलब एक बार अपने आहार से शुगर, कार्बोहाइड्रेट युक्त खाद्य पदार्थ को दूर करने के बाद आपको आगे के जीवन में इस तरह से खाने के तरीके को शमिल करना है। लेकिन इसको अस्थायी शामिल करने और पुराने तरीके पर जाने पर आप फिर से बहुत जल्‍द ही लत की इच्‍छाशक्ति की रस्‍सी में फंस जाएगें। ऊपर वर्णित चार चरणों को अपने जीवन में अपनाकर आप स्‍वस्‍थ भोजन शैली को हमेशा बनाये रख सकते हैं।
निय‍म का पालन कैसे करें- याद रखें, प्रत्येक चरण में समय लगता है। इसलिए आवंटित समय को एक न्यूनतम दिशा निर्देशों के रूप में पालन करें। धैर्य से काम लें। खुद पर संयम रखें और इस दिनचर्या का पालन करें। अगर आपको लगता है कि एक चरण आप की उम्‍मीद से ज्‍यादा समय ले रहा है तो परेशान न हो। क्‍योंकि आपका महत्वपूर्ण उद्देश्‍य लक्ष्य को प्राप्त करना है। ऐसा करने से आपके अंदर होने वाले बदलाव आपको दिख जायेंगे। खानपान की यह प्रक्रिया आपको ऊर्जावान तो रखेगी साथ ही मधुमेह जैसी खतरनाक बीमारी से बचायेगी और वजन भी नहीं बढ़ेगा।


Tuesday 17 March 2015

Beauty tips for men

पुरुषों के लिए सौंदर्यवर्धक उपाय

          व्‍यक्तित्‍व निखारने के लिए जरूरी है पुरुष अपनी साज-सज्‍जा पर भी ध्‍यान दें। चेहरे पर पड़े दाग-धब्‍बे और बिखरे बाल आपकी गलत छवि पेश कर सकते हैं, इसलिए इनको संवारने पर भी ध्‍यान दें। इसके लिए पुरुष कोशिश भी करते हैं, लेकिन अपने सौंदर्य को लेकर वे सामान्‍य गलतियां हमेशा करते हैं। बात शेविंग की हो या फिर बालों के देखभाल की पुरुष अक्‍सर गलतियां करते हैं। सही तरीके से शेव नहीं बनाते, मूछों पर प्रयोग करते हैं, हेयर स्‍टाइल पर भी अधिक ध्‍यान नहीं देते हैं। तो क्‍या आप भी सौंदर्य संबंधित कुछ बड़ी गलतियां कर रहे हैं, तो इसे सुधारने की जरूरत है-

Beauty tips for men
  • पुरुष हमेशा अपने लुक में बदलाव करते रहते हैं, इसकी शरूआत वे अपने ढाढ़ी से करते हैं। कई बार पुरुष अपनी ढाढ़ी बढ़ा लेते हैं और शेविंग भी नहीं करते हैं। इसके कारण उनका लुक बदल तो जाता है, लेकिन वे फूहड़ भी लगने लगते हैं, क्‍योंकि वे बढ़ी हुई ढाढ़ी का सही तरीके देखभाल नहीं कर पाते हैं। इसलिए समय-सयम पर शेविंग जरूर करते रहिये।
  • पुरुष बिना क्रीम के शेविंग करते हैं। इसके कारण शेविंग करने में समस्‍या तो होती है साथ ही रूखे बालों में रेजर लगाने से त्‍वचा पर भी असर पड़ता है। बिना क्रीम के प्रयोग के शेविंग करने से त्‍वचा की बाहरी परत प्रभावित होती है। इससे चेहरे पर दानें पड़ सकते हैं। इसलिए जब भी शेविंग करें, बालों को मुलायम बनाने के लिए क्रीम का प्रयोग जरूर करें।
  • पुरुष हमेशा अपने कानों और नाक के बालों को नजरअंदाज करते हैं। हालांकि ये बाल शरीर को स्‍वस्‍थ रखने में मदद करते हैं, लेकिन अगर ये बड़े हो जायें तो इनको काटने से परहेज न करें। नाक और कान के बाल आपके चेहरे पर धब्‍बे की तरह हैं, इसलिए समय-समय पर इनकी काट-छांट करना बहुत जरूरी है।
  • बालों को स्‍वस्‍थ रखने के लिए जरूरी है बालों में प्रत्‍येक दो दिन के बाद शैंपू करते रहें। यह महिलाओं के लिए ही जरूरी नहीं है बल्कि यह नियम पुरुषों के बालों पर भी लागू होता है। लेकिन पुरुष बालों में शैंपू करने से बचते हैं जिसके कारण उनके बालों में डैंड्रफ की समस्‍या होने लगती है। इससे बाल कमजोर होकर गिरने लगते हैं।
  • उम्र के साथ बाल भी सफेद होने लगते हैं, बढ़ती उम्र के साथ पौष्टिकता की कमी के कारण बाल सफेद होने लगते हैं। लेकिन अगर खानपान के साथ बालों की देखभाल न की जाये तो उम्र से पहले बाल सफेद होने लगते हैं। पुरुष अपने सफेद बालों को छुपाने के लिए काले बालों के बीच में दिख रहे सफेद बालों को उखाड़ते हैं, जिससे उसके आसपास के बाल भी प्रभावित होते हैं। इसलिए बालों को उखाड़ने से अच्‍छा है कि उनमें रंग लगायें।
  • हेयर जेल का प्रयोग अगर अधिक किया जाये तो इससे बाल कमजोर हो जाते हैं और गिरने लगते हैं। पुरुष अक्‍सर पार्टी में जाने के लिए, कार्यालय जाते वक्‍त अपने बालों में हेयर जेल का प्रयोग करते हैं। उनको लगता है कि हेयर जेल लगाने से उनके छोटे-छोटे बालों को समस्‍या नहीं होगी, लेकिन इससे बाल कमजोर होने लगते हैं।
  • पुरुष अपने नाखूनों को लेकर भी लापरवाह होते हैं। पुरुष अपने नाखून नहीं काटते जिसके कारण उनमें गंदगी जमा हो जाती है और इससे कीटाणु पेट में प्रवेश करते हैं और पेट संबंधित समस्‍या हो सकती है। पुरुष अक्‍सर अपने दांतों से नाखून चबाते हैं, जिससे उसमे जमा गंदगी पेट में के जरिये शरीर को प्रभावित करती है। इसलिए शरीर की सफाई के साथ नाखूनों पर भी ध्‍यान दीजिए।
  • मॉइश्‍चराइजर का प्रयोग करने से त्‍वचा के बाहरी परत पर नमी बरकरार रहती है, और बाद में होने वाली त्‍वचा संबंधित समस्‍या जैसे- झुर्रियां, मुहांसे आदि से बचाव किया जा सकता है। इसके अलावा मॉइश्‍चराइजर के प्रयोग से त्‍वचा को सूर्य की किरणों से होने वाले नुकसान से भी बचाया जा सकता है। लेकिन पुरुष मॉइश्‍चराइजर का प्रयोग करने में कोताही बरतते हैं।

How to make beautiful lips

 होंठों को खूबसूरत कैसे बनाएं

           होंठों को खूबसूरत बनाने के लिए आप क्‍या नहीं करतीं। लिपस्टिक, लिप बाम, माश्‍चराइजर और ना जाने क्‍या-क्‍या। लेकिन, होंठों पर लगाये जाने वाले कई उत्‍पाद वास्‍तव में उन्‍हें खूबसूरत बनाने के बजाय लंबे समय में उन्‍हें नुकसान पहुंचा सकता है। अगर आप भी अपने होठों के फटने या कालेपन से परेशान हैं तो इन प्राकृतिक उपायों को अपनाकर अपनी समस्‍या से छुटकारा पा सकते हैं-
  • होंठों के कालेपन को दूर करने के लिए गुलाब की पंखुडि़यां बहुत ही फायदेमंद होती है। इसके नियमित इस्‍तेमाल से होठों का रंग हल्‍का गुलाबी और चमकदार हो जाएगा इसके लिए गुलाब की पंखुडियों को पीसकर उसमें थोड़ी सी ग्लिसरीन मिलाकर रोजाना रात को सोते समय अपने होंठों पर लगाकर सुबह धो लें।
  • क्‍या आप जानते है होंठों को कालापन नींबू से भी दूर हो सकता है। इसके लिए आप निचोड़े हुए नींबू को अपने होठों पर सुबह और शाम को रगड़ें।
  • होंठों का कालापन दूर करने के लिये कच्चे दूध में केसर पीसकर होंठों पर मलें। इसके इस्‍तेमाल से होंठों का कालापन तो दूर होता ही है साथ ही वे पहले से अधिक आकर्षक बनने लगते हैं।
  • 2 बड़े चम्मच कोको बटर, आधा छोटा चम्मच मधु वैक्स लीजिए। उबलते पानी पर एक बर्तन में वैक्स डालकर पिघला दीजिए। इसमें कोको बटर मिलाएं। अब इस मिश्रण को ठंडा होने के बाद ब्रश की मदद से होंठों पर लगाइए। इससे होंठ मुलायम होंगे और उनका कालापन दूर हो जाएगा।
  • होंठों से रूखापन हटाने के लिए थोडी सी मलाई में चुटकीभर हल्दी‍ मिलाकर नियमित रूप से धीरे-धीरे होठों पर मालिश करें। इससे कुछ ही दिनों में आपके होठ मुलायम और गुलाबी होने लगेंगे।
  • शहद के इस्‍तेमाल से कुछ ही दिनों में आपके होंठ चमकदार और मुलायम हो जाते हैं। इसके लिए थोड़ा-सा शहद अपनी उंगली में लेकर धीरे-धीरे अपने होंठों पर मलें या फिर शहद में थोड़ा सा सुहागा मिलाकर अपने होंठों पर लगाएं। ऐसा एक दिन में 2 बार करें फिर देखें इसका असर।
  • अंडा खाना आपकी सेहत के लिए तो अच्‍छा होता ही हैं, लेकिन क्‍या आप जानते है यह होंठों का कालापन दूर करने में भी सहायक होता है। होंठों पर अंडे की जर्दी का लेप लगाने से होंठों की लालिमा बरकरार रहती है।
  • यदि होंठ पूरी तरह से फट चुके हैं और उनमें कालापन भी आ रहा है तो जैतून का तेल यानी ऑलिव ऑयल और वैसलीन मिलाकर दिन में 3-4 बार फटे होंठों पर लगाने से फायदा होता है। इनका लेप होंठों पर 4-5 दिन लगातार लगाने से होठों की दरारें भरने लगती हैं और होंठ हल्‍के गुलाबी भी होने लगते हैं।
  • चुकंदर को ब्‍लड बनाने वाली मशीन भी कहते है। चुकंदर होंठों के लिए भी उतना ही फायदेमंद होता है। चुकंदर को काटकर उसके टुकड़े को होंठों पर लगाने से होठ गुलाबी व चमकदार बनते हैं।

Monday 16 March 2015

Pregnancy and beauty product

 गर्भावस्‍था में सौंदर्य उत्‍पादनों का प्रयोग किस प्रकार करना चाहिए

         प्रसाधनों में कई तरह के रसायनों का प्रयोग होता है, जो गर्भवती महिलाओं के लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है। गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को सौंदर्य़ प्रसाधनों के उपयोग में सावधानी बरतनी चाहिए। कोशिश करें कि वो प्राकृतिक प्रसाधनों का प्रयोग करें, जिससे उनको या उनके या उनके बच्चे को किसी तरह का नुकसान ना हो। इस स्लाइड शो के जरिए हम आपको उन प्रसाधनों के बारे में बता रहे हैं जिनका इस्‍तेमाल गर्भावस्‍था के दौरान करने से बचना चाहिए।

आंखों-की-सुन्दरता

  • परफ्यूम और डियो में ऐसे 100 प्रकार के रसायन होते हैं जो आपकी सेहत पर बुरा असर डाल सकते हैं। ब्रांडेड लिपस्‍टिक्‍स में कम मात्रा में लेड पाया जाता है, जो चाय या कॉफी पीते वक्‍त शरीर के अंदर चला जाता है। यह मां के साथ बच्‍चे को भी नुकसान पहुंचा सकता है। फाउंडेशन मे भी लेड मिला हुआ होता है। लेड से मिसकैरेज होने की संभावना बढ़ जाती है।
  • हेअर डाई जैसे उत्पादों में बहुतायत मात्रा में कृत्रिम रंगों का प्रयोग किया जाता है। इनमें मौजूद रसायनों से गंभीर किस्म के ददोरे और एलर्जिक रिएक्शन हो सकते हैं। अगर आप अपने बालों को डाई करवाना चाहती हैं तो प्रसव के बाद ही करायें। लेकिन अगर आपको किसी वजह से हेयर डाई कराना जरूरी हो तो दूसरे तिमाही में कराएं। हेयर डाई के कुछ ब्रांड्स में काफी खतरनाक रसायन होते हैं।
  • शैंपू में सोडियम लॉरियल सल्फेट होता है। यह व्‍यक्ति को समय से पहले बूढ़ा बना सकता है। कृत्रिम सुगंध का सौंदर्य प्रसाधनों में भारी उपयोग होता है। इससे त्वचा में खुजली हो सकती है, सिरदर्द हो सकता है तथा ददोड़े भी उठ सकते हैं। इसका एक साइड इफेक्ट घातक है और वह है त्वचा का रंग काला होना।
  • 9 महीनों में गर्भवती महिलाओं के शरीर में तेजी से तीव्र परिवर्तन होते हैं, अतः शरीर एलर्जीक व संवेदनशील हो सकता है जोकि पहले नहीं था। इसलिए पैच टेस्ट, सौंदर्य उत्पादों के लिए एक सामान्य नियम है। बाजार में ऐसे कई सुरक्षित तथा प्राकृतिक विकल्प मौजूद हैं।
  • गर्भवती महिलाओं के लिए जैविक व प्राकृतिक सौंदर्य उत्पादों का इस्तमाल बिलकुल सही होगा। आप इन पदार्थों को इतना पसंद कर सकती हैं कि जीवन भर इन्हें इस्तेमाल करने का ऩिर्णय ले सकती हैं।
  • गर्भवती महिलाओं को मेंहदी, चमेली और दालचीनी युक्त उत्पादों का प्रयोग नहीं करना चाहिए। हालांकि, ये सभी प्राकृतिक अवयव हैं, लेकिन माना जाता है कि इन से रक्तचाप बढता है और प्रीनेटल डिलिवरी भी हो सकती है। अगर आप सामान्य प्रसव की कामना कर रही हैं तो शायद गर्भावस्था के अंतिम महीनों में ये आपके पक्ष में काम कर सकते हैं।
  • रेटिनॉल रसायन एंटी एजिंग क्रीम का केंद्रीय घटक है। इससे त्वचा की परतें उधड़ सकती हैं। वह चटख सकती है तथा खुजली चलने की भी आशंका बनी रहती है। गर्भवती अथवा गर्भधारण करने वाली महिलाओं को रेटिनॉल से बने उत्पादों के इस्तेमाल से बचना चाहिए। रेटिनॉल से त्वचा सूर्य प्रकाश के प्रति अतिरिक्त संवेदनशील हो जाती है।



Pregnancy doubt

            गर्भावस्था को लेकर फैली हुई भ्रांतिया

            शारीरिक संबंध बनाने के बाद शॉवर ले लिया तो गर्भवती नहीं होंगी... अरे पहली बार Sex से कोई प्रेग्‍नेंट नहीं होता... नशे में Sex किया है तो गर्भवती होने का चांस ही नहीं है... ऐसी कई बातें गर्भावस्‍था को लेकर चलन में हैं। लेकिन, क्‍या वो पूरी तरह सच हैं या केवल कोरे वहम...

गर्भावस्था को लेकर फैली हुई भ्रांतिया

            अधिकतर लड़के और लड़कियों को यह गलतफहमी होती है कि वे गर्भावस्था और
Sex से जुडे हर मुद्दों के बारे में सब कुछ जानते हैं। लेकिन, हकीकत इससे बहुत अलग है। लड़के और लड़कियों के मन में गर्भावस्था से जुड़े बहुत से वहम होते हैं, इसका परिणाम यह हो रहा है कि किशोर गर्भावस्‍था के मामले दिन प्रतिदिन बढ़ रहे हैं। इस लेख में अपको बताते हैं किशोर गर्भाधारण से जुड़े ऐसे ही कुछ वहम के बारे में, जो किशोर गर्भावस्‍था का कारण बन रहे हैं।
            यह एक वहम है कि अगर लड़की के पीरियड हो रहे हैं तो इस अवधि में शारीरिक संबंध बनाने से वह गर्भवती नहीं होगी। जबकि ऐसा नहीं होता, क्योंकि शुक्राणु योनि के अंदर 7 दिनों तक सक्रिय रूप में रहते हैं। इसलिए इस समय पर भी गर्भधारण की उम्‍मीद बनी रहती है।
            यह भी गलत धारणा है कि पहली बार यौन संबंध बनाने आप गर्भवती नहीं होती। यदि आप या आपका पार्टनर गर्भधारण से बचने के लिए समुचित उपाय नहीं करता तो आपके गर्भवती होने की संभावना बनी रहती है। इसलिए जरूरी है कि शारीरिक संबंध से जुड़े सभी पहलुओं के बारे में जान लें।
            लड़के और लड़कियों में यह गलत धारणा है कि शारीरिक संबंध बनाने के बाद यदि शॉवर ले लिया जाए तो गर्भधारण से बचा जा सकता है। जबकि यह केवल एक वहम है ऐसा करने से गर्भधारण की संभावना को कम नहीं किया जा सकता।
            लोगों में यह भी धारणा है कि महीने में केवल एक दिन ऐसा होता है जिस‍ दिन कोई भी किशोरी गर्भवती हो सकती है, इसके अलावा अन्‍य दिनों में शारीरिक संबंध बनाने से गर्भ नहीं ठहरता।
            लोगों में यह भी वहम है कि शारीरिक संबंध बनाने के बाद यदि आप तुरंत खड़ी हो जाती हैं तो गर्भवती होने की संभावना को कम किया जा सकता है। लेकिन यह गलत धारणा है क्योंकि एक बार सेक्स करने के बाद किसी भी स्थिति में गर्भाधान के जोखिम को कम नहीं किया जा सकता।
            बहुत से लोगों का यह भी मानना है कि यदि आप शराब या ड्रग्‍स का सेवन करने के बाद अपने पार्टनर से शारीरिक संबंध बनाती हैं तो गर्भाधारण नहीं होता। लेकिन ऐसा संभव नहीं है।
            कुछ लोग यह भी मानते हैं कि शारीरिक संबंध बनाने के बाद यदि कोई किशोरी जंपिंग जैक की तरह कूदती हैं तो वह गर्भवती नहीं होती। ऐसा नहीं है कि‍ एक बार शुक्राणु से संपर्क में आने के बाद आप गर्भवती हो जाती है।
            आमतौर पर यह भी माना जाता है कि यदि आप पानी के अंदर शारीरिक संबंध बनाती हैं तो गर्भधारण की संभावना कम होती है। लेकिन यह पूरी तरह से वहम है।
            यदि आप भी अपने पार्टनर के साथ शारीरिक संबंध बनाती हैं तो इन सभी वहम को ध्‍यान में रखकर ही अगला निर्णय लें। इससे आप भविष्‍य में होने वाली किसी भी परेशानी से बची रह सकती हैं।



Saturday 14 March 2015

Sex benefits during pregnancy

गर्भावस्था में सेक्स के फायदे

क्या गर्भावस्था के दौरान Sex करना चाहिए। क्या Sex संबंधों के दौरान होने वाले बच्चे को कोई हानि होती है। गर्भावस्था के दौरान Sex पोजीशन क्या होनी चाहिए। गर्भावस्था में Sex करते हुए शारीरिक स्फूर्ति आती है या नहीं। गर्भावस्था में Sex करते हुए क्या-क्या सावधानियां बरतनी पड़ती हैं। इन तमाम सवालों को लेकर वैज्ञानिकों, शोधकर्ताओं और चिकित्सकों में आज भी मतभेद हैं। लेकिन गर्भावस्था के दौरान लंबे समय तक Sex संबंधों से दूरी बनाना पति-पत्नी के लिए मुश्किल भी होता है। 

आइए जानें किसी प्रकार से गर्भावस्था में भी Sex लाभदायक है-

गर्भावस्था में सेक्स के फायदे

  • यह साबित हो चुका है कि गर्भावस्था के दौरान Sex करने से पुरूष भी अपने होने वाले बच्चे के न सिर्फ अधिक करीब हो जाता है बल्कि वह पत्नी के मानसिक रूप से और अधिक करीब आ जाता है।
  • कुछ अध्ययनों के मुताबिक, गर्भावस्था में भी Sex  लाभदायक हो सकता है। गर्भावस्था के दौरान Sex करने से इंटिमेसी का FEELING भी बढ़ जाता है।
  • शोध में यह भी साबित हुआ है कि Sex  और Sexuality दो बिल्कुल अलग-अलग चीजें हैं और महिलाएं बिना Sex के भी Sexuality को एक्सप्रेस कर सकती हैं। ऎसे में पति-पत्नी Oral Sex करके भी एक दूसरे को प्यार-दुलार आदि से खुशियां दे सकते हैं, जो एक-दूजे को इस वक्त करीब रखने के लिए अहम साबित हो सकते है। यानी Sex  किए बिना भी Sex की अनुभूति दोनों एक-दूसरे को दे सकते हैं। 
  • गर्भावस्था के दौरान महिला के शरीर  में शारीरिक और भावनात्मक दोनों तरह के बदलाव आते हैं। इस दौरान महिलाएं जहां खुद को विशाल और बेचैनी से भरा महसूस करने लगती हैं, वहीं पुरूषों को गर्भवती शरीर काफी कामुक और वांछनीय लगने लगता है।
  • आमतौर पर पत्नी के गर्भवती होने का पता चलते ही शुरू के दो महीने तक Sex करने से बचना चाहिए और गर्भावस्था के अन्तिम 1 महीने में भी Sex से दूर रहने का प्रयास करना चाहिए।
  • Sex करने के लिए पति-पत्नीं को चिकित्सक से सलाह लेनी चाहिए। ऐसे में वह कुछ अन्य सही Sex पोजीशन को अपनाकर आप आराम से Sex कर सकते हैं, इससे महिला को भी परेशानी नहीं होगी।
  • गर्भावस्था के दौरान जरूरी है कि महिला भी प्रसन्न मन से Sex करें अन्यथा उसे मानसिक और शारीरिक दोनों ही तरह की हानि पहुंच सकती हैं।
  • गर्भावस्था के दौरान विशेष ध्यान रखना चाहिए कि पत्नी पर Sex के लिए दबाव न डालें। गर्भ के समय पत्नी के साथ ऐसा कोई व्यवहार न करें जिससे उसके मन-मस्तिष्क पर विपरीत प्रभाव पड़ें।
नोट- गर्भावस्था में Sex करने में कोई दिक्कत नहीं है लेकिन चिकित्सक की सलाह और थोड़ी सी सावधानी रखना भी जरूरी हो जाता है। ऐसे में आपकी थोड़ी सी लापरवाही कोई बड़ी परेशानी भी बन सकती है।

Friday 13 March 2015

Pain during first time sex

पहली बार सेक्स के दौरान दर्द क्यों होता है

विवाह-और-यौन

पहली बार
Sex को लेकर कई तरह के मिथ जुड़े हुए हैं। लोगों का ऐसा मानना है कि पहली बार Sex के समय में लड़कियों को काफी दर्द होता है। इस दौरान ब्लीडि़ग को लेकर भी हमारे समाज में अनेक तरह की भ्रांतियां मौजूद हैं। क्या सचमुच पहली बार का Sex कष्टदायक होता है? Sex करने की स्थिति से दर्द का क्या नाता  है? ऐसे कुछ भ्रम लोगों के मन में अक्सर रहते हैं। कैसे आप इस दर्द से निजात पाकर Sex संबंधों का आनंद ले सकते हैं और अपने रिश्तों को सामान्य बना सकते हैं। आइए जानें क्या Sex के दौरान दर्द होना सामान्य है या ये सिर्फ एक मिथ है?
            Sex के दौरान होने वाले दर्द को मेडीकल की भाषा में दाईस्पेरेनिया कहते हैं। यह ऐसा दर्द है जो एक बार होने पर बार-बार हो सकता है और इस दर्द का असर महिला-पुरूषों के रिश्ते पर बहुत बुरा पड़ता है
            वास्तव में पहली बार Sex के समय महिलाओं को होने वाले दर्द का मुख्य कारण योनि का बहुत ज्यादा टाइट होना है। ऐसा तब होता है जब योनि की मांसपेशियां खींच जाती हैं और उनमें सूजन आ जाती है। ऐसी स्थिति में Sex के समय महिला को बहुत अधिक दर्द होता है। ऐसा उन स्त्रियों के साथ होने की संभावना रहती है जो Sex संबंधों को बहुत बुरा मानती हैं और Sex के समय पुरूष के साथ सहयोग नहीं करती। इसका मनोवैज्ञानिक असर यह होता है कि Sex के समय योनि की मांसपेशिया सिकुड़ जाती हैं और तेज दर्द होता है।
            योनि में किसी भी तरह का इंफेक्शन भी Sex के समय दर्द का एक बहुत बड़ा कारण है। अकसर योनि के आकार में परिवर्तन हो जाता है जिसे एंड्रियोमेट्रियोसिस कहते हैं। यदि आपको भी Sex के दौरान दर्द होता है तो आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
            Sex के दौरान होने वाले दर्द का एक मनोवैज्ञानिक कारण भी है। लड़कियों की परवरिश बचपन से ही इस तरह से की जाती है कि SEX को लेकर उनके मन में डर बैठ जाता है। वह Sex के नाम से ही घबराने लगती हैं और उन्हें अपनी किशोरावस्था और युवावस्था के दौरान यह भी सुनने को मिलता है कि पहली बार किया गया Sex बहुत कष्टदायक होता है और इस दौरान खूब ब्लीडिंग भी होती है। लंबे समय तक यह भी माना जाता रहा है कि यदि पहली बार Sex के दौरान ब्लीडिंग न हो तो लड़की पहले Sex कर चुकी है। ये तमाम बातें लड़की के मन में मनोवैज्ञानिक रूप से Sex के प्रति डर पैदा कर देती है और इस तरह की लड़कियों को पहली बार Sex के दौरान अकसर दर्द की शिकायत होती है।

            यदि आप चाहते हैं कि आपको Sex के दौरान दर्द ना हो तो आपको कुछ Sex पोजीशंस का इस्तेमाल पहली बार Sex के दौरान करना चाहिए और आपको अपने मन से Sex में होने वाले दर्द व अन्य मिथों को दूर कर देना चाहिए।

What is Virginity

            वर्जिनिटी के मायने

परिवार-कल्याण-नियोजन

हमेशा से महिलाओं की Virginity बेहद खास चीज़ मानी जाती रही है। Virginity को मूल्यों और संस्कारों से जोड़कर देखा जाता रहा है। खास तौर पर महिलाओं की Virginity पर ज्यादा जोर दिया जाता है। हालांकि अब यह धारणाएं टूट रही है। शादी से पहले
SEX अब कोई वर्जित विषय नहीं रहा।हालांकि शादी और खासकर अरेंज मैरिज की बात आती है, तो कई लोग की सोच अभी भी पहले जैसी ही है। उनके लिए Virginity काफी मायने रखती है। हमारे समाज में इस तरह की मानसिकता वाले लोगों की तादाद बड़ी संख्या में है। ऐसा इसलिए क्योंकि ये सारी बातें हमारी संस्कृति और परंपरा में मजबूती से बनी हुई हैं। ऐसे कई मर्द हैं जो अभी भी जानना चाहते हैं कि उनकी गर्लफ्रेंड या पत्नी Virgin है या नहीं? इसका साफ जवाब है कि इसे जानने का कोई रास्ता नहीं है।

          कई मर्दों की पुरानी शिकायत है कि पहली रात में उनकी पत्नी को ब्लीड (खून निकलना) नहीं हुआ। इसका मतलब है कि लड़की Virgin नहीं है। यह पूरी तरह से बेवकूफाना सोच है कि ब्लीड नहीं हुआ तो लड़की Virgin नहीं है। ऐसा सभी के साथ जरूरी नहीं है। फैक्ट्स कहते हैं कि सिर्फ 42 प्रतिशत महिलाओं को ही पहले इंटरकोर्स (संभोग) के दौरान ब्लीडिंग होती है। इसलिए यह कहना समझदारी नहीं है कि पहली बार ब्लीड करने का मतलब Virgin होना है।

          सच तो ये है कि फीमेल प्राइवेट पार्ट (योनि) में मौजूद हाइमन के रप्चर होने से ब्लीडिंग होना Virginity का सबूत नहीं है। सच यह है कि कुछ महिलाओं में तो हाइमन जन्म से नहीं होती। कई महिलाओं में यह लेयर बेहद इलास्टिक होती है और इंटरकोर्स के दौरान भी रप्चर नहीं होती। यही नहीं, कई महिलाओं को इसके रप्चर होने के बारे में पता ही नहीं चलता। हाइमन को SEX किए बिना दूसरी वजहों से भी नुकसान पहुंच सकता है। स्पोर्ट्स, स्विमिग, डांसिंग, घुड़सवारी या टू-वीइकल्स पर पांव इधर-उधर करके बैठने से भी इसे नुकसान पहुंच सकता है।

          कोई लड़की Virgin है या नहीं, इसका पता दो ही तरीकों से चल सकता है- या तो वह प्रेगनेंट हो चुकी हो या फिर वह खुद स्वीकार कर ले।

hOt tOpiCs- विवाह-और-यौन, गर्भावस्था-के-दौरान-गर्भवती-स्त्री-का-भोजन, गर्भपात-कब-और-क्यों-जरूरी-है

Infertility problum

 बांझपन की समस्या को कैसे करे दूर

           बांझपन एक ऐसी अवस्‍था है जिसमें लगातार बिना किसी गर्भनिरोधक के प्रयोग के बावजूद भी महिला गर्भधारण करने में असफल रहती है। इसके लिए पूरी तरह से महिला ही जिम्‍मेदार नहीं होती है बल्कि कई मामलों में पुरुष भी इसके लिए जिम्‍मेदार हो सकते हैं। लगभग एक तिहाई मामलें महिलाओं की समस्याओं के कारण होते हैं। अन्य एक तिहाई इनफर्टिलिटी मामले पुरुषों के कारण होते हैं। बाकी मामले पुरुष और महिला दोनों की समस्याओं से जुड़े हो सकते हैं। इसके निदान के लिए कुछ जांच आपकी मदद कर सकते हैं।
  • अगर आप गर्भधारण नहीं कर पा रही हैं तो हार्मोन के स्‍तर की जांच भी करायें। हार्मोन के स्‍तर में असंतुलन होने से ओव्‍यूलेशन और गर्भधारण करने में समस्‍या होती है। प्रोलेक्टिन हार्मोन, एंटी मुलेरियन हार्मोन, एस्‍ट्रोजन हार्मोन की जांच करायें। इसकी जांच के लिए एचसीजी और एक्‍स-रे किया जाता है।
  • सीबीसी यानी कंप्‍लीट ब्‍लड टेस्‍ट के जरिये गर्भधारण न हो पाने की मूल बात सामने आ जाती है। इस जांच में रेड ब्‍लड सेल्‍स, ह्वाइट ब्‍लड सेल्‍स और प्‍लेटलेट्स की जांच की जाती है। इस जांच में रक्‍त से जुड़ी समस्‍याओं जैसे - रक्‍त संक्रमण, एनीमिया आदि की जानकारी हो जाती है। अगर आप रक्‍त संबंधित समस्‍या से ग्रस्‍त हैं तो इनविट्रो फर्टिलाइजेशन (आईवीएफ) तकनीक आपके लिए फायदेमंद है, क्‍योंकि इसमें सर्जरी के जरिये अंडाणु को निषेचित कराया जाता है।
  • ईएसआर यानी एरीथ्रोक्राइट सेडीमेंटेशन जांच के जरिये लाल रक्‍त कणिकाओं की स्थिति का पता लगाते हैं। अगर रेड ब्‍लड सेल्‍स का स्‍तर बढ़ जाये तो इससे सूजन हो जाती है और गर्भधारण करने में महिला असफल रहती है। यह जांच प्रक्रिया एचसीटी (हिस्‍टेरोसालपिनोगोग्राम) से पहले कराया जाता है, एचसीजी बांझपन के निदान के लिए किया जाने वाला टेस्‍ट है।
  • ब्‍लड शुगर भी गर्भधारण न कर पाने के बीच में रोड़ा बन सकता है। इसलिए अगर आप गर्भवती नहीं हो पा रही हैं तो ब्‍लड शुगर और इंसुलिन के स्‍तर की जांच अवश्‍य करायें।
  • इसे सिफलिस टेस्टिंग भी कहते हैं। हालांकि सिफलिस बांझपन के लिए जिम्‍मेदार कारक नहीं है, लेकिन इससे ग्रस्‍त महिला अगर गर्भधारण करती है तो इसका असर मां के साथ बच्‍चे पर भी पड़ता है। इसलिए अगर आप गर्भधारण करने में अक्षम है तो और गर्भावस्‍था की योजना बनाने से पहले ही सिफलिस की जांच करायें।
  • रूबेला एलजीजी जांच आपकी प्रतिरोधक क्षमता की जांच करता है और यह पता लगाता है कि कहीं आप रुबेला वायरस की शिकार तो नहीं हैं। हालांकि यह भी बांझपन के लिए जिम्मेदार प्रमुख कारणों में नहीं माना जाता है, लेकिन अगर किसी महिला के अंदर यह वायरस है तो इसके दुष्‍प्रभाव गर्भधारण की पहली तिमाही में ही दिख जाते हैं।
  • विटामिन बी3 या फोलेट के स्‍तर की जांच करना बहुत जरूरी है। इस जांच में यह भी पता चल जाता है कि कहीं आप एनीमिया की शिकार तो नहीं हैं। जबकि विटामिन डी3 की कमी और इसका कम स्‍तर होना भी बांझपन का प्रमुख कारण माना जाता है।
  • थॉयराइड ग्रंथि सही तरीके से काम नहीं कर रही है तो यह गर्भधारण में समस्‍या करती है। थॉयराइड की जांच के लिए टी3, टी4 और टीएसएच जांच की जाती है। इन जांच में पता चल जाता है कि कहीं आपकी थॉयराइड ग्रंथि अधिक सक्रिय तो नहीं है। इस ग्रंथि के ओवरएक्टिव होने पर यह ओव्‍यूलेशन और गर्भधारण के बीच में बाधक बनता है।

Dropsy during pregnancy

          गर्भावस्था के दौरान सूजन से बचने के लिए क्या करें

http://www.jkhealthworld.com/hindi/परिवार-कल्याण-नियोजन

परिवार-कल्याण-नियोजन

परिवार-कल्याण-नियोजनअगर आप गर्भावस्था के दौरान चलना बंद कर देंगी तो आपका शरीर सूज जाएगा। लगातार बैठे रहने से शरीर में पानी का जमाव बढ़ जाता है और यह शरीर के सूजने में मदद करता है। इसलिए थोड़े समय के अंतराल में चलते रहें और अपने डॉक्टर के अनुसार बताई गई कसरत करें। इसके अलावा पानी में डुबकी लगाने से आपको हल्का और अच्छा महसूस होगा। इसलिए गर्भावस्था में शरीर के सूजने से बचने के लिए आपको तैराकी करने की कोशिश करनी चाहिए। अगर वह संभव नहीं है तो अपने शरीर को टब में डुबाकर रखना भी काफी फायदेमंद साबित हो सकता है। पर इस बात का ध्यान रखें कि पानी ज्यादा गर्म न हो क्योंकि गर्म पानी गर्भवती महिलाओं के लिए अच्छा नहीं होता।

          गर्भावस्था के दौरान हाथ-पांव की सूजन से बचने के लिए पैर को सीधा कर लें। काफी देर तक पैरे मोड़ कर बैठने से पैर में सूजन आ सकती है। शरीर में सही रक्त के बहाव के लिए काम के बीच में अंगड़ाई ले लेनी चाहिए। अगर संभव हो तो पैर के पास एक स्टूल रखें ताकि पैर को ज्यादा देर तक मोड़ कर रखने की ज़रुरत न पड़े। सोते समय बायीं करवट लेकर सोयें। इससे रक्त का बहाव शरीर में सही रहता है। इसलिए बायीं ओर होकर सोने की कोशिश करें। जब आप गर्भवती होती हैं तो आपका शरीर ज्यादा पानी इकठ्ठा करता है। इसको एडेमा कहते हैं। नमक से शरीर में पानी की मात्रा और बढ़ती है। इसलिए आपको खाने में नमक का इस्तेमाल कम करना चाहिए ताकि आपका शरीर न सूजे।

Excessive Sweats

            पसीना ज्यादा आए तो क्या करे उपाय

पसीना ज्यादा आए तो क्या करे उपाय

पसीना आना स्वास्थ्य के लिए अच्छा माना जाता है
लेकिन जब पसीना बहुत ज्यादा आने लगे तो यह एक समस्या हो सकती है। ज्यादा पसीना आने से इसकी बदबू भी काफी परेशान करती है। अगर आप भी अधिक  पसीने की समस्या से परेशान हैं तो जानिए इस पर काबू पाने के आसान उपायों के बारे में-
  • हाइजीन का ध्यान दें। तेजपत्ते को सुखाकर पीस लें और उबालकर 24 घंटे के लिए छोड़ दें। इस पानी से शरीर के उन हिस्सों की रोज सफाई करें जिनमें आपको पसीना अधिक आता है।
  • सबसे ज्यादा पसीना अंडआर्म पर ही आता है। ऐसे में नहाने के बाद थोड़ा सा बेकिंग सोडा लेकर पानी के साथ मिला कर अपने अंडरआर्म और शरीर पर लगा लें। इसके बाद उसे साफ तौलिये से पोंछ लें। बेकिंग सोडा को आप डियो लगाने के बाद भी प्रयोग कर सकते हैं। डियो स्‍प्रे करें और फिर उसके ऊपर से थोड़ा बेकिंग सोडा लगा लें।
  • साफ सफाई का खास खयाल रखें। इससे पसीने को रोकने में बहुत मदद मिलती है। इससे पर्सनल हाइजीन होती है और आपकी त्‍वचा भी संक्रमण और बीमारी से बचती है। जब भी कपड़ा पहने तो उससे पहले अपने अंडरआर्म को सुखा लें। इससे कम पसीना आएगा।
  • गर्मियों में ताजा और हल्का भोजन करें। खीरापुदीनासंतरातरबूजमौसमी का सेवन करेंये प्यास बुझाने वाले होते हैंक्योंकि इसमें सोडियम और कैलोरी की मात्रा काफी कम और एंटी ऑक्सीडेंटकैल्शियम तथा विटामिन ए काफी मात्रा में होते हैं।
  • सेब का सिरका नहाने से पहले सेब के सिरके को अपने बगल में 30 मिनट के लिये रोजाना लगाएं। फिर हल्के साबुन से धो लें। अच्छा रिजल्ट पाने के लिये इसे रात को सोने से पहले लगा लें।
  • नींबू के प्रयोग से अधिक पसीनेा आने की समस्या को दूर रखने में मदद मिलती है। अगर आप अपने नहाने के पानी में एक नींबू निचोड़ लें फिर उससे नहाएं तो पूरा दिन तरोताजा रह सकते हैं।
  • नहाने के बाद अपने आर्मपिट पर खीरे की स्‍लाइस रगड़े। खीरे में एंटीऑक्‍सीड़ेंट पाया जाता है जो कि शरीर से बैक्‍‍टीरिया का नाश करके बदबू को आने से रोकता है।
  • हमेशा लाइट कॉटन पहने आप जो कपड़ा पहनते हैंकभी कभी वह भी आपको पसीना दे सकता है। इसलिये हमेशा कोशिश करें कि लाइट फैबरिक जैसे कॉटन आदि ही पहने। यह नमी को तुरंत ही सोख लेता है।
  • अधिक मात्रा में पानीजूस के सेवन से शरीर में गंध कम होती है। सुबह खाली पेट 1 गिलास पानी 500 मिलीग्राम व्हीट ग्रास के साथ सेवन करें। इसमें उपस्थित क्लोरोफिल की मात्रा शरीर की गंध को कम करती है।
  • कपडे को खरीदते समय रंगों का चयन ठीक प्रकार से करें। काले रंग में गरमी अधिक लगती हैपसीना भी अधिक निकलता है आप को कूल कलर पहनने चाहिए। जिन में सफेद और नीले रंग अधिक लाभदायक होते है। एक बार पहन लेने के बाद उसी कपडे को बिना धोए न पहनें।

hOt tOpiCs-    गर्भकाल, गर्भ-में-लड़के-या-लड़की-का-पता-लगाना, गर्भावस्था-के-दौरान-गर्भवती-स्त्री-का-भोजन


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