Monday, 9 March 2015

Some impotent tips

कुछ जरूरी नुस्खे

              चाणक्य नीति के अनुसार ज्ञान कहीं से भी मिले ले लेना चाहिए इसलिए आशा है कि नीचे दी जा रही सलाहों से आप सभी को लाभ अवश्य होगा-
  • 90 प्रतिशत रोग केवल पेट से होते हैं इसलिए पेट में कब्ज नहीं रहना चाहिए।
  • 160 रोग केवल मांसाहार अर्थात मांस का सेवन करने से होते है
  • 103 रोग भोजन के बाद पानी पीने से होते हैं। भोजन के 1 घंटे बाद ही पानी पीना चाहिये।
  • 80 रोग केवल चाय पीने से होते हैं।
  • 48 रोग एलुमिनियम के बर्तन या कुक्कर में खाना बनाकर खाने से होते हैं।
  • शराब, कोल्डड्रिंक और चाय के सेवन से हृदय रोग होता है।
  • अण्डा खाने से हृदयरोग,  पथरी और गुर्दे खराब होते हैं।
  • फ्रिज का पानी पीने और आइसक्रीम खाने से बड़ी आंत सिकुड़ जाती है।
  • मैगी, गुटका, शराब, सूअर का मांस, पिज्जा, बर्गर, बीड़ी, सिगरेट, पेप्सी, कोक से बड़ी आंत सड़ती है।
  • भोजन के बाद स्नान करने से पाचनशक्ति मन्द हो जाती है और शरीर कमजोर हो जाता है।
  • बाल रंगने वाले हेयरकलर से आंखों की रोशनी कमजोर हो जाती है।
  • दूध, चाय के साथ नमकीन पदार्थ खाने से त्वचा का रोग हो जाता है।
  • शैम्पू, कंडीशनर और विभिन्न प्रकार के तेलों से बाल पकने, झड़ने और दोमुहें होने लगते हैं।
  • गर्म पानी से नहाने से शरीर की प्रतिरोधक शक्ति कम हो जाती है और शरीर कमजोर हो जाता है। गर्म पानी सिर पर डालने से आंखें कमजोर हो जाती हैं।
  • टाई बांधने से आँखों और मस्तिष्क (दिमाग) हो हानि पहुँचती है।
  • खड़े होकर पानी पीने से घुटनों (जोड़ों) में दर्द होता है।
  • खड़े होकर मूत्रत्याग करने से रीढ़ की हड्डी में रोग हो जाते हैं।
  • भोजन पकाने के बाद उसमें नमक डालने से रक्तचाप (ब्लडप्रेशर) बढ़ता है।
  • जोर लगाकर छींकने से कानों को क्षति पहुंचती है।
  • मुंह से सांस लेने पर आयु कम होती है।
  • पुस्तक पर अधिक झुकने से फेफड़े खराब हो जाते हैं और टीबी होने का डर रहता है।
  • चैत्र माह में नीम के पत्ते खाने से खून शुद्ध हो जाता है मलेरिया नहीं होता है।
  • तुलसी का सेवन करने से मलेरिया नहीं होता है।
  • रोजाना मूली खाने से व्यक्ति अनेक रोगों से मुक्त रहता है।
  • अनार आंव, संग्रहणी, पुरानी खांसी व हृदय रोगों के लिए सर्वश्रेष्ठ फल है।
  • हृदयरोगी के लिए अर्जुन की छाल, लौकी का रस, तुलसी, पुदीना, मौसमी, सेंधा नमक, गुड़, चोकरयुक्त आटा, छिलकेयुक्त अनाज औषधियां हैं।
  • भोजन के बाद पान, गुड़ या सौंफ खाने से पाचन अच्छा होता है औऱ अपच नहीं होता है।
  • अपक्व भोजन (जो आग पर न पकाया गया हो) से शरीर स्वस्थ रहता है और आयु लंबी होती है।
  • मुलहठी चूसने से कफ बाहर आता है और आवाज मीठी होती है।
  • पानी हमेशा ताजा  पीना चाहिये, बोतलबंद (फ्रिज) पानी बासी और अनेक रोगों के कारण होते हैं।
  • नीबू गंदे पानी के रोग (यकृत, टाइफाइड, दस्त, पेट के रोग) तथा हैजा से बचाता है।
  • चोकर खाने से शरीर की प्रतिरोधक शक्ति बढ़ती है। इसलिए हमेशा गेहूं मोटा ही पिसवाना चाहिए।
  • फल, मीठा और घी या तेल से बने पदार्थ खाकर तुरन्त पानी नहीं पीना चाहिए।
  • भोजन पकने के 48 मिनट के अन्दर खा लेना चाहिए। उसके बाद उसकी पोषकता कम होने लगती है। 12 घंटे के बाद पशुओं के खाने लायक भी नहीं रहता है।।
  • मिट्टी के बर्तन में भोजन पकाने से पोषकता 100% कांसे के बर्तन में 97% पीतल के बर्तन में 93% अल्युमिनियम के बर्तन और प्रेशर कुकर में 7-13% ही बचते हैं।
  • गेहूँ का आटा 15 दिनों पुराना और चना, ज्वार, बाजरा, मक्का का आटा 7 दिनों से अधिक पुराना नहीं प्रयोग करना चाहिए।
  • 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को मैदा से बनी हुई चीजे कभी भी नहीं खिलानी चाहिए।
  • खाने के लिए सेंधानमक सबसे अच्छा होता है उसके बाद कालानमक का स्थान आता है। सफेद नमक जहर के समान होता है।
  • जल जाने पर आलू का रस, हल्दी, शहद, घृतकुमारी में से कुछ भी लगाने पर जलन ठीक हो जाती है और फफोले नहीं पड़ते। है
  • सरसों, तिल,मूंगफली या नारियल का तेल ही खाना चाहिए। देशी घी ही खाना चाहिए है। रिफाइंड तेल और
  • वनस्पति घी (डालडा) जहर होता है।
  • पैर के अंगूठे के नाखूनों को सरसों तेल से भिगोने से आंखों की खुजली लाली और जलन ठीक हो जाती है।
  • खाने का चूना 70 रोगों को ठीक करता है।
  • चोट, सूजन, दर्द, घाव, फोड़ा होने पर उस पर 5-20 मिनट तक चुम्बक रखने से जल्दी ठीक होता है।
  • मीठे में मिश्री, गुड़, शहद, देशी (कच्ची) चीनी का प्रयोग करना चाहिए, सफेद चीनी जहर होता है।
  • कुत्ता काटने पर हल्दी लगानी चाहिए।
  • टूथपेस्ट और ब्रश के स्थान पर दातून और मंजन करना चाहिए, इससे दाँत मजबूत रहेंगे। (आँखों के रोगों में दातुन नहीं करना चाहिए)
  • यदि सम्भव हो तो सूर्यास्त के बाद न तो पढ़े और लिखने का काम तो न ही करें तो अच्छा है।
  • निरोग रहने के लिए अच्छी नींद और अच्छा (ताजा) भोजन अत्यन्त आवश्यक है।
  • देर रात तक जागने से शरीर की प्रतिरोधक शक्ति कमजोर हो जाती है। भोजन का पाचन भी ठीक से नहीं हो पाता है, आँखों के रोग भी होते हैं।
  • सुबह का भोजन राजकुमार के समान, दोपहर का राजा और रात का भिखारी के समान होना चाहिए 

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