सुडौल, पुष्ट
और उन्नत स्तन नारी सौन्दर्य का आकर्षण-केन्द्र हैं लेकिन जब महिलाएँ अपने स्तन की
ठीक से देखभाल नहीं करती तो सौंदर्य को एक नया आयाम प्रदान करने वाले यही स्तन
ढीले और बेडौल होकर उनकी सुंदरता में बाधक बन जाते हैं।
स्तनों की देखभाल |
अगर महिलाएं किशोरावस्था से ही उचित
आकार का ब्रा पहनने लगे तो उनके स्तन की सुंदरता लंबे समय तक बरकरार रहती है और
उनमें अपने स्तन को लेकर हीन भावना नहीं आती है। ब्रा का चुनाव स्तनों के विकास
क्रम को ध्यान में रखकर भी किया जाना चाहिये। स्तन विकास क्रम के दौरान स्तनों की
देखभाल पर विशेष ध्यान देना जरूरी है वरना इनका आकार बिगड़ सकता है।
लेकिन स्तनों का विकास शुरू होते ही
ब्रा नहीं पहनना चाहिए, क्योंकि स्तन के विकास के
दौरान ब्रा पहनने पर उसके विकास में बाधा पहुंच सकती है जिससे बाद में बच्चों को
स्तनपान कराने में दिक्कत आ सकती है। इसलिए 17 साल की उम्र
के बाद जब स्तन को सहारे की आवश्यकता हो, तभी ब्रा का
इस्तेमाल करना चाहिए।
बाजार में कई तरह की ब्रा मिलती है
जैसे- गर्म, मोटी, फोम युक्त,
नायलोन, कृत्रिम रेशों से निर्मित सिंथेटिक,
अधिक कसी हुई, उन्नत नोकों वाली पैडदार,
चुस्त पैड वाली तथा विभिन्न आकर्षक डिजाइनों की कलात्मक ब्रा।
आजकल ऐसी ब्रा भी मिलती हैं जिन्हें
पहनने से अविकसित या अर्द्धविकसित स्तन विकसित, अति विकसित
स्तन छोटा तथा सामान्य स्तन भी आकर्षक दिख सकते हैं। लेकिन नायलोन और फोम युक्त
ब्रा की तुलना में सूती और सस्ते कपड़ों से बनी सादी ब्रा पहनना स्वास्थ्य के लिए
अच्छा होता है क्योंकि ये हल्की और शीतल होती हैं, इनमें
पसीना सोखने की क्षमता होती है जिससे स्तनों का तापमान नहीं बढ़ता। इसके विपरीत
अत्यधिक कसी हुई, मोटी, नायलोन और
कृत्रिम रेशों से बनी सिंथेटिक ब्रा पहनने से पसीना सूख नहीं पाता और स्तनों के
ऊतक आवश्यकता से अधिक गर्म हो जाते हैं जिससे स्तन कैंसर होने की संभावनाएं बढ़
जाती है। जबकि सूती कपड़ों की बनी उचित आकार की ब्रा स्तनों को शीतलता प्रदान करती
है जिससे स्तन कैंसर की संभावना कम हो जाती है।
ब्रा का उपयोग आयु और अवसर के अनुसार
ही करना चाहिए। किसी पार्टी में जाना हो तो चुस्त पैड वाली, स्कूल-कॉलेज जाना हो या घर में रहना हो तो बिना पैड वाली, अविकसित स्तन के लिए पैड वाली ब्रा पहनना चाहिए, लेकिन
घर वापस आने पर सूती कपड़े वाली ब्रा पहन लेनाचाहिए तथा रात में सोते समय ब्रा को
उतार देना चाहिए। गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को मैटरनिटी ब्रा का
उपयोग करना चाहिए। इस दौरान स्तनों में हुई वृद्धि के कारण उसी हिसाब से नई ब्रा
खरीदें। गर्भधारण के तीसरे महीने से हर वक्त ब्रा पहने रहना चाहिए वरना स्तनों केभार में वृद्धि होने के कारण उनके नीचे लटकने का डर रहता है।
ब्रा का चयन करते समय इस बात का ध्यान
रखें कि वह स्तन पर अनावश्यक दवाब न डाल रही हो। ब्रा आरामदायक, स्तनों को नीचे से सहारा देने वाली, कप्स स्तनों पर
बिल्कुल फिट आने वाले तथा उन्हें प्राकृतिक आकार देने वाली हो। कुछ महिलाओं का
स्तन बड़ा होता है, कुछ महिलाओं का स्तन छोटा होता है तो कुछ
महिलाओं का एक स्तन बड़ा और एक स्तन छोटा होता है।
इन सभी समस्याओं का समाधान स्पंज, फोम, रूई की गद्दी या पैड वाली ब्रा से किया जा सकता
है। लेकिन ऐसे ब्रा की सबसे बड़ी खामी यह है कि इन्हें गर्मियों में नहीं पहना जा
सकता है। सही ब्रा से स्तन की खामियों को छिपाया जा सकता है लेकिन कई बार शारीरिक
कद-काठी के अनुरूप स्तन नहीं होते। कई महिलाओं में या तो स्तन असामान्य रूप से
बहुत बड़े होते हैं या बहुत छोटे होते हैं।
इन खामियों को स्थायी तौर पर दूर करने
तथा स्तन को एक नया सौंदर्य प्रदान करने के लिये कॉस्मेटिक सर्जरी की सहायता ली जा
सकती है। सिलिकॉन एवं पानी के इंप्लांट की मदद से वक्ष को उन्नत एवं विकसित किया
जा सकता है जबकि वसा से अतिरिक्त चर्बी निकाल कर अधिक बड़े स्तन को सही आकार
प्रदान किया जा सकता है।
कॉस्मेटिक सर्जरी की मदद से छोटे या
बड़े किये गये स्तन बिल्कुल प्राकृतिक स्तन की तरह प्रतीत होते हैं तथा इनकी
सुडौलता प्राकृतिक स्तन की तरह बरकरार रहती है। कॉस्मेटिक सर्जरी की मदद से उन्नत
स्तन से महिलाओं को अपने बच्चे को स्तन पान कराने में भी कोई दिक्कत नहीं होती है।
एक बार जरूर आजमाएं-
महिलाओं के स्वास्थ्य तथा सुन्दरता के संबध में जरूरी जानकारियां, स्त्रियों के लिए मौके के अनुसार गहने
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